Wednesday, May 31, 2017

How to survive hackers - हैकर से कैसे बचे



Hacker’s

       












                     



                     आप दिन प्रतिदिन अपने आस-पास में देखते होगें की किसी के एकाउंटसे से पैसे निकाल लिए जाते है और किसी के एकाउंट से ऑनलाइन शॉपिंग साइट से शॉपिंग हो जाती है, और उन्हें पैसे निकल जाने के बाद पता चलता है कि हमारे पैसे निकाल लिये, बिना हमारे जानकारी के, हालाकि उसमे से कुछ तो पकड़े जाते है पर ज्यादातर नहीं, ऐसे में पैसे के डूबने का पूरा खतरा बना रहता है, भारत में पुलिस या प्रशासन पूरी तरह से हमें हैकर के अटैक से सुरछित नहीं रख सकते, हमें ही अत्यधिक जागरूक होकर अपने डिजिटल लेन-देन करना चाहिए.
हम आप को बताने जा रहे है आप हैकर कि पहुंच से कैसे अपने आप को दूर और सुरछित रख सकते है:-
हैकर्स के अटैक करने के कुछ तरीके निम्नलिखित है:--
·                                                                सम्पूर्ण विश्व में सबसे अधिक 50% साइबर अटैक सोशलइंजरिंग के माध्यम से होते है.(हम आगे इसे विस्तार से देखेगे).
·        हैकर का सबसे पहला काम आप के बारे में अत्यधिक जानकारी एकत्रित करना.
·        अपने कंप्यूटर का IP एड्रेस छुपाना.
·        आपसे बैंक मैनेजर या एजेंट बन करके फ़ोन पे बात करना और आवश्यक जानकारी जैसे- एटीएम नंबर, आपका नाम, एटियम पे लिखी डेट, CVV नंबर इत्यादि पूछना फिर ऑनलाइन शोपिंग या कही से भी डिजिटल पेमेंट करके पैसे निकालना.
·        आप को किसी भी माध्यम से लिंक और मैसेज भेजना और आप को अपने पेज पर लाना.
·        आप को Facebook का पेज दिखा करके आपको अपने एक पेज पर ले जाकर आपसे ईमेल एड्रेस और पासवर्ड भरवाना जिससे आपके  एकाउंट में आसानी से Login करके आपके गुप्त डेटा सभी जगहो से निकाल करके सार्वजनिक कर देना या उसको अपने use में लेना.
·        आपको लुभावने ईमेल भेज करके आपसे कुछ डेटा निकलवाना.
·        भारत के कमजोर सायबर सिक्योरिटी लो का फ़ायदा उठाना.
·        लोगो के कम जागरूक होने का फ़ायदा उठाना.
·        मोबाइल नंबर जो आपने बैंक से एटीएम समय दिया बैंक को उसका पता लगाना और बैंक के कर्मचारियों से मिलकरके आप को गोपनीय जानकारियों को निकलवाना, और उसके बाद ग़लत पहचान पर उसी नंबर को बंद करवा कर अपने ग़लत पहचान देकर के एटीएम के डेटा से ऑनलाइन पेमेंट करना और ग्राहक को पता भी नहीं चलेगा.
·        जानपहचान के व्यक्ति द्वारा आपका एटीएम ले लेना और धोखा-धड़ी करना.
·        ऑनलाइन यूजर्स को अपनी वेबसाइट पर लाकर करके सॉफ्टवेयर, एंटीवायरस या फाइल डाउनलोड करने पर उसके माध्यम से मालवेयर या वायरस मिलाकर देना जिससे यूजर के कंप्यूटर को माँनिटर कर सके और डाटा निकाल सके.
·        किसी भी तरह से आपके कंप्यूटर तक अपनी पहुच बनाना, जिससे वह जो चाहता है पता कर सके.
हैकर्स के अटैक से कैसे बचे कुछ उपाय निम्नवत है:--
·        आप अपनी गुप्त जानकारी किसी भी मित्र या अंजान व्यक्ति को ना दे चाहे वह आपका कितना भी घनिष्ट क्यों न हो.
·        लुभावने विज्ञापन में न आये ये सोशल इंजरिंग अर्थात ऑनलाइन ठग का एक बड़ा कारन बन रहा है.
·        किसी भी वेबसाइट पर जाकर अपना ईमेल एड्रेस या पासवर्ड न लिखे, आप ऊपर देखेगे तो जहां वेबसाइट का यूआरएल (URL) लिखा होता है, उसमें सबसे आगे https:// लिखा होता है उसी वेबसाइट पर अपना ईमेल और पासवर्ड लिखे.                    
·        HTTPS:- “Hyper text transfer protocol Secure” https://facebook.com,https://www.google.co.in,https://www.youtube.com, https://upsconline.nic.in आदि, आपका Web Browser यह दिखता है की जो Websites आपने खोली है, वह Websites Secure है.
·        एटीएम card के गायब होने पर तुरन्त ही बैंक को सूचित करके कार्ड को  बंद करवा दे.
·        ऑनलाइन लेन-देन करते समय सतर्क रहे अपना मोबाईल नंबर  और एटीएम कार्ड पर दिया CVV नंबर किसी को भी न दे, एटीएम से पैसे निकलते समय आस-पास अवश्य देखे, एटीएम से पैसे निकालते समय कि-बोर्ड को उगलियों से ढककर पासवर्ड डाले.
·        बैंक मैनेजर या कोई अन्य बैंक का कर्मचारी बन कर आप को फ़ोन करे तो उसे बैंक में मिलने को कहे, उसे अपनी कोई भी जानकारी न दे, ध्यान रहे बैंक कभी भी आपने ग्राहकों से फ़ोन पर ही कोई जानकारी नहीं लेता, अतः सावधान रहे.
·        किसी भी वेबसाइट से सॉफ्टवेयर, फाइल या कोई फ्री का एंटीवायरस डाउनलोड ना करे, याद रखे फ्री की कोई चीज नहीं होती, हर एक के पीछे एक मक्सद होता जरुर है और वो भी आज के समय में इंटरनेट पर तो बिल्कुल नहीं, उस फाइल में वायरस हो सकता है जो आपसे सॉफ्टवेयर स्टॉल करते समय ही एक्टिव हो जाये और आपका डाटा क्रैक कर या उसे आपके जाने बिना इंटरनेट के माध्यम से बाहर भी भेज जा सकता हो.
·        आपका मित्र आज आपके साथ है कल सायद न रहे इसलिए उसे जो जानकारी आवश्यक न हो न दे.
·        किसी भी तरह की हैकिंग होने पर तुरन्त पुलिस को बताये स्वयं हीरो न बने ये आपके भविष्य के लिए सहीं होगा, पुलिस का अपना एक सायबर सिक्योरिटी का डिपार्टमेंट होता है वो ऐसे ही केसेस देखते है.
·        एटीएम, डिजिटल एकाउंट, ईमेल, फेसबुक, नेट बैंकिंग, मोबाईल  का पासवर्ड हर छः महीने नहीं तो एक साल में तो अवश्य बदलते रहे, आप को कुछ दिक्कत तो होंगी पर आप सुरछित रहेंगे (अगर किसी को आपका पुराना पासवर्ड किसी तरह पता चला भी तो वह काम नहीं करेगा और आप सुरछित रहेंगे).
·        पासवर्ड दिखावटी न हो अर्थात आसान पासवर्ड न रखे, पासवर्ड कुछ ऐसा हो:-
पासवर्ड में कोई एक नंबर, एक बड़ा अक्षर, एक छोटा अक्षर, एक  कोई सिम्बल अवश्य हो और पासवर्ड कम से कम 8 वर्ण (Characters) का हो.
जैसे:- Hacker@420, policE*100, Myfb.24 आदि.
·        एटीएम, डिजिटल एकाउंट, ईमेल, फेसबुक, नेट बैंकिंग, का पासवर्ड कभी भी कही पर लिख करके न रखे, यह और ख़तरनाक को सकता है.
·        भारत में हैकर को अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है, विशेषज्ञों की मने तो सजा का प्रावधान काफी कम और कमजोर है.
·        गूगल और अन्य बड़ी कम्पनियों के माध्यम से समय समय पर कुछ गाइड लाइन दी जाते है उसे जरुर देखते रहे.
·        साइबर कैफ़े पर अपने किसी भी डिजिटल एकाउंट को खोले, ब्राउज़र में Cookies या फिर सॉफ्टवेयर के माध्यम से कैफ़े पर लगे कंप्यूटर की देख-रेख करने वाला व्यक्ति आसानी से आपके गुप्त जानकारी को देख सकता है की इस कंप्यूटर पर क्या काम हुआ और क्या हुआ, किस साईट को ओपन किया गया, या क्या टाइप किया गया. (Password, information, Work & etc.)
·        कही पर भी परी मिली पेन ड्राइव, सीडी या कोई अन्य पोर्टेबल डिवाइस मिले तो उसको अपने कंप्यूटर में न लगाये ये हैकर का आपके कंप्यूटर तक पहुचने का सबसे असान तरीका होता है, हो सकता है उस पेन ड्राइव में कोई मालवेयर हो या वायरस हो या आप के कंप्यूटर को अपने वायरस डाले और जब आप ऑनलाइन आये तो आप की पूरी फाइल या आवश्यक जानकारी को अपने कंप्यूटर में ले ले.
·        किसी भी Open Wi-fi में Login न करे, हैकर चाहे तो आपके डिवाइस पर आसानी से पूरी तरह कंट्रोल कर सकता है क्योंकि आप उसके नेटवर्क पर है.
·        आने वाला वक्त पूरी तरह से डिजिटल है जहां सभी आवश्यक चीजे डिजिटल अर्थात ऑनलाइन प्लेटफोर्म पर मिलनी है तो आप को जितनी अधिक जानकारी होगी आप अपने को उतना बाकियो  से आगे और सुरक्षित पायेगे.
·        संभव हो तो किसी “White Hat Hacker” से समय समय पर परामर्स लेते रहे अथवा आप हमारे कोर्स या बुक समय समय पर आती है उसे ले कर अपनी Noleage को बड़ा सकते है.
·        अगर आप हैकिंग में interested है तो आप हमारे “Beginners Ethical Hacking Course” को Purchase कर सकते है.
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                                                                              धन्यवाद् मित्रों.


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